Sunday, March 26, 2017

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-47

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016



रविवार  :  26.03.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित सपना मांगलिक जी की क्षणिकाएँ। 

सपना मांगलिक




01.
वहशियों के सींखचे में
लड़की बनी कबाब
खींसे निपोर कहे कानून
दुष्कर्मी
नाबालिग है जनाब।

02.सब्र का इन दिनों
रेखाचित्र : डॉ.  सुरेंद्र वर्मा  

निकल रहा है/कड़बा फल
जो करना है
आज ही कर लो
न हुआ है/न होगा कुछ कल।

03.मशीन के संग/वक्त बिताते
जमीर इतना सो गया
अच्छा-भला था
कल का आदमी
आज खुद मशीन हो गया।
  • एफ-659, कमला नगर, आगरा-282005/मोबा. 09548509508

No comments:

Post a Comment