समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/318 फरवरी 2024
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 04.02.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
कंचन अपराजिता
01.
तुम अपनी जुबां से
बार-बार जो मेरा
नाम लेते हो
तुम्हारे हर शब्द पर
मेरा दिल
मनका बन जाता है
02.
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रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
जो जिह्वा
शब्द तोलती है
तोलकर बोलती है
वो कर्ण में
शहद ही घोलती है।
- 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु
(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100, T. Nadu)
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