समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /276 अप्रैल 2023
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 16.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 16.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
चक्रधर शुक्ल
01.
पति-पत्नी
दोनों कमाते,
तनाव इतना
खा नहीं पाते।
02. बेवाइयों का दर्द
पैर की
फटी बेवाइयों का दर्द
बाप जाने
या गाँव का किसान
जिसने
उठा रक्खी हैं दर्द की शिलाएँ
कहाँ तक कराहें
कहाँ तक चिल्लाएँ।
03. पराली
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रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
धूल, प्रदूषण
फेफड़ों पर हाबी,
उस पर
पराली जलाएँ
मौत संभावी।
- एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मो. 09455511337
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