समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /224 अप्रैल 2022
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 17.04.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 17.04.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
चक्रधर शुक्ल
01.
शरीर का तापमान
रखना मेन्टेन,
जाड़ा
बी पी बढ़ाता
आदमी
हो जाता लालटेन।
02.
बर्फ़ की
सर्जिकल स्ट्राइक देखकर
सैलानी हरषाये,
स्नोफाल
देखने चले आये।
03.
सुबह का सूरज
कुहरे का साथी ,
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छायाचित्र : उमेश महादोषी |
पास खड़ा हाथी।
04.
धूप में रहना
सभी को भा रहा ,
हवा में तीखापन
पहाड़ों से आ रहा।
- एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मो. 09455511337
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