Sunday, April 5, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद


समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 /118                                अप्रैल 2020


क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }

रविवार : 05.04.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



शैलेष गुप्त ‘वीर’







01.

समय ने 
बाँसुरी बजाई
झनझना उठे
यादों के अनकहे स्वर!

02.


मुस्कुरा उठे गीत 
लौट आया सावन
गहन नीरवता को चीर गयी
रेखाचित्र : संध्या तिवारी 

उसकी वर्षों पुरानी हँसी!

03.


कब तक कहोगी
मुझे अपना आराध्य
और करोगी मेरी आराधना
मैं जीना चाहता हूँ
कुछ पल प्रेम के
मधुर
जीवन्त!

  • 24/18, राधा नगर, फतेहपुर-212601, उ.प्र./मो. 09839942005

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