Sunday, August 25, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद


समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 86                अगस्त 2019


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01. समकालीन क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }

रविवार : 25.08.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


विभा रश्मि 



01.

दोस्त के गले 
लग रोया 
बिछड़ने से पहले 
मुँह
अश्कों से धोया।

02.

पैबंद बनके 
टँका लिबास में  
अप्सरा के 
फटी किस्मतवाला 
राजकुमार।

03.

रेखाचित्र :
रीना मौर्या "मुस्कान"
सोखता पीर 
स्पंजी दिल  
पीता आग 
निचोड़ा तो बहा  
तपता 
रेत का दरिया।

04.

रातों को न रो 
चुगली खाकर 
दुनिया को जगा देंगे
तारे चुगलखोर 
डँसेगा तम घोर। 

  • एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मोबा. 09414296536

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